सूरजकुंड: मेले में शुरू हुआ सेल का खेल
फरीदाबाद। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला धीरे-धीरे अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच रहा है। तीन दिन शेष हैं। ऐसे में मेले में सेल का खेल शुरू हो गया है। बृहस्पतिवार को ही कई संचालकों ने स्टॉल पर सेल के बोर्ड लगा दिए थे।
सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के अनुसार पिछले 13 दिन में 12 लाख से अधिक दर्शक मेला देख चुके हैं। मेला देखने रोजाना हजारों दर्शक पहुंच रहे हैं। मेले में शिरकत करने वाले दर्शक खरीदारी के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद ले रहे हैं।
मेले में हिमाचल से आए गर्म कपड़ों के विक्रेता नरोत्तम ने बताया कि तीन दिन में ज्यादा से ज्यादा बिक्री हो। इसके लिए सेल लगा दी है। इसके अलावा भी कई संचालकों ने अपने स्टॉल पर सेल की पट्टियां लगा दी हैं। छूट के साथ ही मेले में मोलभाव भी जमकर हो रहा है। मेले के अंतिम तीन दिन बचे हैं, ऐसे में वे भी रेट कम कर सामान बेच रहे हैं।
दिल्ली से मेला देखने आई वर्षा और ऋचा ने बताया कि वे पिछले चार वर्षों से लगातार मेला देखने आ रहे हैं। उन्हें पता चला कि मेले के अंतिम दिनों में छूट शुरू हो जाती है और मोलभाव भी होता है। ऐसे में वे आखिरी के तीन-चार दिनों में ही मेले में घूमने आती हैं ताकि सामान सस्ता मिल सके। ऋचा ने बताया कि जहां छूट नहीं मिल रही है, वहां दुकानदार मोलभाव कर रहे हैं, जिससे सामान सस्ता मिल जाता है।
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सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रही धूम
मेले की चौपाल पर सारा दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। मेला देखने पहुंचे दर्शकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान जमकर मस्ती की। मेले की चौपाल पर बृहस्पतिवार को देश-विदेश की लोककला का संगम दिखा। चौपाल पर थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश और पार्टनर कंट्री उज्बेकिस्तान के कलाकरों के साथ ब्रज के लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से समा बांध दिया। चौपाल पर सबसे बड़ा धमाल ब्रज के लोक कलाकरों ने किया। ब्रज के कलाकारों ने सांस्कृतिक रंगों कि ऐसी बौछार की कि दर्शकों का मन मगन हो गया।
फूलों की होली खेली
कलाकारों ने चौपाल पर श्रीकृष्ण और ग्वालों ने गोपियों के साथ फूलों की होली खेली। ब्रजभूमि की कृष्ण रासलीला के अलावा हरियाणवी और पंजाब के लोकगीतों ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। इसके बाद हिमाचली कलाकारों ने लोकगीत प्रस्तुत किए। महिला कलाकारों ने आते पिया ला संदेश गीत के माध्यम से महिलाओं की पीड़ा को दिखाया। युवाओं ने मेला परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले लोक कलाकारों के साथ खूब मस्ती की। दोनों चौपालों पर युवाओं की भीड़ जमा रही। बंचारी के कलाकारों की गूंजती ढोल-नगाड़ों की धुन पर युवा नाचते गाते दिखे।