बारिश और ओलावृष्टि से किसान चिंतित, बोले- सब्जियां हो जाएंगी बर्बाद

 


बारिश और ओलावृष्टि से किसान चिंतित, बोले- सब्जियां हो जाएंगी बर्बाद


कुरुक्षेत्र। बुधवार की देर रात्रि ओलावृष्टि के साथ हुई झमाझम बारिश से तापमान लुढ़क गया, जिससे सर्दी बढ़ गई। वीरवार को पूरे दिन बादल छाए रहे और सर्द हवाओं का चलना जारी रहा। बारिश और सर्द हवा के चलने से न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक रिकार्ड किया गया। उधर बारिश से फसलों पर भी संकट मंडराने लगा है। बेमौसम बारिश होने से हरी सब्जियों की फसलों को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है वहीं आलू की फसल भी प्रभावित होने की बात किसानों द्वारा कही जा रही है। इतना ही नहीं किसान बताते हैं कि इस बेमौसम बारिश से गेहूं की बुवाई भी प्रभावित होगी।


 

ओलावृष्टि के साथ मंगलवार दिन में हुई बरसात से जहां अचानक ठंड बढ़ गई है, वहीं बुधवार को दिनभर मौसम साफ जरूर रहा, लेकिन देर रात अचानक झमाझम हुई बारिश सुबह तक जारी रही। हालांकि वीरवार को भी आसमान में बादलों की लुकाछिपी दिनभर जारी रही। ओलावृष्टि के बाद ठंड ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दी है। वीरवार को सुबह से शुरू हुई शीत हवाओं में ब्रह्मसरोवर पर अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती का भ्रमण करने पहुंचे पर्यटक सर्द हवा से बचते हुए नजर आए। रात से सुबह तक हुई झमाझम बारिश के बाद न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अचानक हुए मौसम परिवर्तन के बाद चिकित्सकों ने भी हृदय, एलर्जी एवं सांस के मरीजों को हिदायतें बरतने की बात कही है। उधर बेमौसम बारिश से किसानों की चिंता बढ़ी हुई है। लगातार बारिश होने से आलू, टमाटर, मटर सहित अन्य सब्जियों को नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार देर रात से शुरू हुई बारिश के बाद कृषि वैज्ञानिक डॉ. सीबी सिंह ने शाहाबाद, पिहोवा, इस्माईलाबाद, थानेसर क्षेत्र के गांव अढोण, कलाल माजरा, धुराला सहित अन्य गांव के खेतों का निरीक्षण किया। कृषि वैज्ञानिकों की माने तो इस बारिश से किसानों को कोई ज्यादा फायदा नहीं है, क्योंकि अभी तक मात्र 50 प्रतिशत गेंहू की बुआई हुई है तो वहीं टमाटर, आलू की फसल को नुकसान पहुंच रहा है। इस बारिश से किसानों द्वारा गेंहू बुआई के लिए तैयार की गई योजना प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि बुधवार रात को हुई बारिश से इस्माईलाबाद क्षेत्र ज्यादा प्रभावित है, जबकि शाहाबाद में उससे कम है और थानेसर में किसी किसान को ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। इस्माईलाबाद में वीरवार को आसमान में बादल छाये रहने और बीच-बीच में बूंदाबांदी शुरू से होने से किसानों की सांसे फूली रहीं। किसानों का कहना है कि दो दिन की बारिश के बाद भी मौसम साफ नहीं हुआ। अगर अब और अधिक बारिश हुई तो गेहूं की फसल समेत तोरिए की फसल, सरसों की फसल, आलू की फसल के साथ सब्जियों सहित पशुओं के हरे चारे में भी काफी नुकसान होगा। वहीं लाडवा में बुधवार मध्यरात्रि से शुरू हुई बूंदाबांदी से सर्दी बढ़ गई है। सुबह 6 बजे तक रुक-रुक कर हुई बारिश से नालियां ओवरफ्लो होने से शहर के बाजारों में कीचड़ हो गया, जिससे लोगों को आनेजाने में परेशानी उठानी पड़ी। सब्जी की काश्त करने वाले किसानों का कहना है कि बूंदाबांदी से अभी कोई नुकसान सब्जी की फसल को नहीं है, लेकिन यदि ज्यादा बारिश हुयी तो टमाटर, आलू और मटर की फसल को नुकसान हो सकता है।
ह्दय रोगी सुबह की न करें सैर : डॉ. आशीष
चिकित्सक डॉ. आशीष अनेजा ने कहा कि हृदय रोगी अगर नियमित सुबह की सैर पर जाते हैं तो फिलहाल उन्हें अपने कदमों को रोकना चाहिए। बारिश के बाद पड़ने वाली कड़ाके की सर्दी में मार्निंग वॉक करना हृदय रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि इस दौरान पारा न्यूनतम स्तर पर रहता है। जिससे रोगियों का रक्तचाप बढ़ जाता है और हार्ट अटैक पड़ने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ठंडे मौसम में खानपान, पहनावा एवं साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। इसके अतिरिक्त अचानक मौसम में परिवर्तन से सांस व एलर्जी के मरीजों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। अगर किसी प्रकार के संक्रमण जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें और नियमित उपचार कराएं।